डूंगरपुर शहर के एक प्राइवेट अस्पताल में ऑपरेशन के बाद उदयपुर अस्पताल में एक बच्चे की मौत पर बवाल मच गया। परिजन उसके शव को अस्पताल के बाहर रखकर मौताणे की मांग करने लगे। आधी रात को 4.51 लाख रुपए मौताणा तय होने के बाद अस्पताल में रखा शव उठा लिया, लेकिन परिजन अब भी मौताणे की राशि बढ़ाने पर अड़े हैं। वहीं, पुलिस मौताणे पर मोन दर्शक बनी हुई है।
कोतवाली सीआई सुरेंद्र सिंह सोलंकी ने बताया कि माथुगामड़ा पाल निवासी सोहन कटारा के 10 वर्षीय बेटे अरविंद कटारा के हाथ ओर कंधे की चमड़ी आपस में चिपकी हुई होने से डूंगरपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में गुरुवार को ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद से अरविंद को होश नहीं आया। डॉक्टर ने उसे उदयपुर के लिए रेफर कर दिया। अस्पताल स्टाफ के साथ ही परिजन अरविंद को लेकर उदयपुर अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद अरविंद को मृत घोषित कर दिया। इस पर परिजन देर शाम को शव को लेकर वापस डूंगरपुर आए। शव को उसी प्राइवेट अस्पताल में लाकर रखकर परिजनों ने हंगामा कर दिया। इससे घबराया अस्पताल का स्टाफ मौके से भाग गया।
हंगामा बढ़ने पर कोतवाली थाना सीआई सुरेंद्र सिंह सोलंकी मय जाब्ता के मौके पर पहुंचे। परिजनों से समझाइश के प्रयास किए, लेकिन परिजन डॉक्टर को मौके पर बुलाने की मांग को लेकर अड़े रहे। वहीं, बालक की मौत पर 51 लाख रुपए का मौताणा की मांग को लेकर बैठ गए। ऑपरेशन में लापरवाही का आरोप लगाते हुए जिम्मेदार डॉक्टर से मौताणा मांगने लगे। आधी रात तक मौताणे को लेकर हंगामा चलता रहा। 4 लाख 51 हजार रुपए मौताणे पर बातचीत के बाद शव को अस्पताल से उठाकर डूंगरपुर जिला अस्पताल के मोर्चरी में शिफ्ट करवाया।
इस पर पुलिस ने राहत की सांस ली, लेकिन परिजन फिर से मौताणे की रकम बढ़ाने की मांग को लेकर अड़ गए। वहीं, शनिवार को भी अस्पताल के मोर्चरी में शव पड़ा है, लेकिन परिजन बढ़ा हुआ मौताणा मिलने के बाद ही पोस्टमार्टम करवाने को लेकर अड़े हुए हैं। वहीं, पुलिस भी परिजनों की इस डिमांड के आगे बेबस नजर आ रही है। हालांकि पुलिस घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है।